Three Christmas Presents I क्रिसमस के तीन उपहार Podcast Por  arte de portada

Three Christmas Presents I क्रिसमस के तीन उपहार

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बच्चो, कोई तुम्हें धोखा न दे। जो धार्मिकता का आचरण करता है, वह धर्मी है, ठीक वैसा ही जैसा वह धर्मी है। जो पाप करता है वह शैतान से है, क्योंकि शैतान आरम्भ से ही पाप करता आया है। परमेश्वर का पुत्र इस अभिप्राय से प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य को नष्ट करे। . . . मेरे बच्चो, मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो। परन्तु यदि कोई पाप करता है तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात यीशु ख्रीष्ट जो धर्मी है; वह स्वयं हमारे पापों का प्रायश्चित्त है, और हमारा ही नहीं वरन समस्त संसार के पापों का भी। (1 यूहन्ना 3:7–8; 2:1–2) इस असाधारण स्थिति के विषय में मेरे साथ विचार करें। यदि परमेश्वर का पुत्र आपको पाप करने से रोकने हेतु आपकी सहायता के लिए—शैतान के कार्यों को नष्ट करने के लिए—और इस कारण मरने के लिए भी आया था कि जब आप पाप करें, तो कोप सन्तुष्टि (propitiation) उपलब्ध हो, परमेश्वर के प्रकोप का हटाया जाना हो, तो जीवन जीने में इसका आपकेे लिए क्या तात्पर्य होगा? तीन बातों पर ध्यान दें। और इनका हमारे पास होना अद्भुत बात है। मैं उन्हें संक्षेप में क्रिसमस के उपहार के रूप में आपको देता हूँ। उपहार 1: जीवन जीने के लिए एक स्पष्ट उद्देश्य इसका तात्पर्य है कि आपके पास जीवन जीने के लिए एक स्पष्ट उद्देश्य है। नकारात्मक रूप से, इसका अर्थ बस यह है कि: पाप मत करो—ऐसा कुछ मत करो जो परमेश्वर को अपमानित करता है। “मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो” (1 यूहन्ना 2:1)। “परमेश्वर का पुत्र इस अभिप्राय से प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य को नष्ट करे” (1 यूहन्ना 3:8)। यदि आप पूछेंगे, “क्या आप हमें नकारात्मक के स्थान पर सकारात्मक रीति से यह बात बता सकते हैं?” इसका उत्तर है: हाँ, इसका सम्पूर्ण सार 1 यूहन्ना 3:23 में दिया हुआ है। यूहन्ना की सम्पूर्ण पत्री का यह एक उत्तम सारांश है। यहाँ एकवचन पर ध्यान दें “आज्ञा”—“उसकी आज्ञा यह है, कि हम उसके पुत्र यीशु ख्रीष्ट के नाम पर विश्वास करें और एक दूसरे से ठीक वैसा ही प्रेम करें जैसी कि उसने हमें आज्ञा दी है।” यूहन्ना के लिए ये दोनों बातें इतनी निकटता से जुड़ी हुई हैं कि वह उन्हें एक ही आदेश कहकर पुकारता है: यीशु पर विश्वास करो और एक दूसरे से प्रेम करो। यही तुम्हारा उद्देश्य है। यही ख्रीष्टीय जीवन का योगफल ...
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