लालची गीदड़ | The greedy jackal Podcast Por  arte de portada

लालची गीदड़ | The greedy jackal

लालची गीदड़ | The greedy jackal

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एक बार एक शिकारी घने जंगल में शिकार करने गया। तभी उसकी नज़र एक काले रंग के मोटे जंगली सूअर पर पड़ी। शिकारी ने अपने बाण से उस सूअर पर हमला कर दिया। घायल सूअर ने भी पलटकर अपने सींग उस शिकारी की छाती में घुसेड़ दिए। इस प्रकार बाण लगने से जंगली सूअर की मौत हो गई और सूअर के सींग से शिकारी भी मर गया। इसी बीच भूख से हैरान-परेशान एक गीदड़ वहाँ आ पहुँचा और दोनों को मरा देखकर अपने भाग्य को सराहता हुआ कहने लगा, “लगता है कि आज भगवान् मुझ पर प्रसन्न है। तभी तो बिना चाहे और बिना भटके इतना सारा भोजन मिल गया।” गीदड़ ने सोचा कि मुझे इस भोजन का प्रयोग इस प्रकार करना चाहिए, जिससे मेरी गाड़ी बहुत दिनों तक चल सके और मुझे अधिक दिनों तक भोजन की तलाश में भटकना ना पड़े। इसलिए आज केवल शिकारीके धनुष में लगी डोरी को खाकर ही अपना गुजारा कर लेना चाहिए। यह सोचकर गीदड़ धनुष की डोर को अपने मुख में डालकर चबाने लगा। लेकिन डोरी के टूटते ही धनुष का ऊपरी हिस्सा इतनी तेजी से गीदड़ की छाती में आ लगा कि वह चीख़ मारकर गिर पड़ा और उसके प्राण निकल गये। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
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