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De: Prayan Goswami
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यु ही नहीं, मेरा क़लम बस एक शख्श के लिए ही चलता है.. मौका कुछ खास हो तो सुर भी दिल से निकलता है.. दुनिया में उल्फत का यही दस्तूर होता है, दिल से जिसे चाहो वही हमसे दूर हो जाता है, दिल टूट कर बिखरता है इस कदर जैसे, काँच का खिलौना टूट के चूर-चूर होता है.. बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ, कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत.. मेरा तो बस अब एक ही ख्वाइश है कि वो जहा भी रहे खुश रहे और में निकाल परुगा किसी अनजान राह पर, फिर चल परूगा जहा तकदीर ले जाए.. क्या आपने कभी किसीसे मोहब्बत किया है..? नहीं किया तो कोई बात नहीं पर अगर किया है तो सुनते रहीए मेरे साथ "इबादत", क्या पता शायद आपकी कहानी भी इससे मिल जाए..Copyright 2020 Prayan Goswami Ciencias Sociales
Episodios
  • Ep 01: Sahi Hai Na...?
    Dec 22 2020
    कभी अल्लाह से इबादत किये थे किसी चहेरे कि, आज वही चहेरे का नकाब उतर गया।। कभी हुई थी प्यार हमहे किसी की मासूमियत से, आज वही ख्याल भी दिल से उतर गया।।
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  • INTRODUCTION || IBADAT
    Dec 18 2020
    यु ही नहीं, मेरा क़लम बस एक शख्श के लिए ही चलता है.. मौका कुछ खास हो तो सुर भी दिल से निकलता है.. दुनिया में उल्फत का यही दस्तूर होता है, दिल से जिसे चाहो वही हमसे दूर हो जाता है, दिल टूट कर बिखरता है इस कदर जैसे, काँच का खिलौना टूट के चूर-चूर होता है.. बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ, कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत.. मेरा तो बस अब एक ही ख्वाइश है कि वो जहा भी रहे खुश रहे और में निकाल परुगा किसी अनजान राह पर, फिर चल परूगा जहा तकदीर ले जाए.. क्या आपने कभी किसीसे मोहब्बत किया है..? नहीं किया तो कोई बात नहीं पर अगर किया है तो सुनते रहीए मेरे साथ "इबादत", क्या पता शायद आपकी कहानी भी इससे मिल जाए..
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