Episode 2 Podcast Por  arte de portada

Episode 2

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रुके न तू – हरिवंश राय बच्चन)


धरा हिला, गगन गुँजा

नदी बहा, पवन चला

विजय तेरी, विजय तेरीे

ज्योति सी जल, जला

भुजा–भुजा, फड़क–फड़क

रक्त में धड़क–धड़क


धनुष उठा, प्रहार कर

तू सबसे पहला वार कर

अग्नि सी धधक–धधक

हिरन सी सजग सजग

सिंह सी दहाड़ कर

शंख सी पुकार कर


रुके न तू, थके न तू

झुके न तू, थमे न तू

सदा चले, थके न तू

रुके न तू, झुके न तू

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