हज़रत ख्वाजा सैय्यद मोईनुद्दीन हसन चिश्ती संजरी सुम्मा अजमेरी (रहमतुल्लाह अलैह) की शान में Podcast Por  arte de portada

हज़रत ख्वाजा सैय्यद मोईनुद्दीन हसन चिश्ती संजरी सुम्मा अजमेरी (रहमतुल्लाह अलैह) की शान में

हज़रत ख्वाजा सैय्यद मोईनुद्दीन हसन चिश्ती संजरी सुम्मा अजमेरी (रहमतुल्लाह अलैह) की शान में

Escúchala gratis

Ver detalles del espectáculo

Obtén 3 meses por US$0.99 al mes + $20 crédito Audible

हज़रत ख्वाजा सैय्यद मोईनुद्दीन हसन चिश्ती संजरी सुम्मा अजमेरी (रहमतुल्लाह अलैह) की शान में आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान फ़ाज़िल-ए-बरेल्वी (रहमतुल्लाह अलैह) फ़रमाते हैं:बाँटते हैं यहाँ ने’मतें कोनैन कीलाख कर दे भला कोई बदख्वाह क्याख़्वाजा-ए-ख़्वाजगान, मुई़नुद्दीन हैंवालि-ए-हिन्द हैं, ग़ौसुल-वरा क्याहज़रत-ए-ख्वाजा की सरकार हैफ़र्श से अर्श तक नाम हैआपका दर है अमन और अमांहाए! अब ख़ौफ़ से डरना भला क्यातेरे अजमेर की ख़ाक पाक हैजिसको सुर्मा बनाए आँख परवो ग़ुलाम-ए-ख़ुसूसियत पाएगाऔर शाही का द'वा भला क्याऐ करम के मुक़ाबले में क़ुसूरमेरे ख्वाजा मुझे सवाली करेंऐ निगाह-ए-करम! मेरी क़िस्मत जगालाख हसरत रही, अब निराशा भला क्यायाद आ जाता है जब दर आपकासर झुका लेता है फ़लक-सा क्याशाहों का भी शाह है ख्वाजा मेराता-क़यामत रहे सिक्का भला क्यानूर-ए-इ'रफ़ाँ का तालिब हूँ मैंज़िक्र-ए-हक़ का गुज़ारिश दर में हैया मुई़नुद्दीन! अजमेर की ख़ाक कोसुर्मा कर आँख पर, अब दवा क्याहम असीर-ए-मुहब्बत-ए-ख्वाजा हैंहम फ़क़ीर-ए-करम-ए-ख्वाजा हैंहमको दर से कोई हटा न सकेबा ख़ुदा! दुश्मनों का डर क्याआज हिन्दुस्तान में ईमान कातेरा सिक्का है जारी सुबह-ओ-शामतेरे परचम तले है हर ग़ुलामऔर बग़ावत का ख़तरा भला क्याआपकी शान में लफ़्ज़ कहाँ से लाऊँऐ खुदा के वली! तू ही जानेमेरा दिल है फ़क़त कश्ती-ए-ग़मतेरा इशारा ही किनारा भला क्याकौनों-मक़ाँ में नूर तुम्हाराहर जा है रोशन दर तुम्हाराया मुई़नुद्दीन! करम से ख़ादिम कोदे निशानी पसंदीदा, अब अता क्या
Todavía no hay opiniones