2. मिलापवाले तम्बू के आँगन के खम्भे (निर्गमन २७:९-१९) Podcast Por  arte de portada

2. मिलापवाले तम्बू के आँगन के खम्भे (निर्गमन २७:९-१९)

2. मिलापवाले तम्बू के आँगन के खम्भे (निर्गमन २७:९-१९)

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यह भाग मिलापवाले तम्बू के आँगन के खम्भे, परदे, लटकते हुए सफ़ेद बटी हुई सनी के कपड़े, पट्टिया, कुण्डी, पीतल की कुर्सियां, और पीतल के कुंडे को दर्शाता है। तम्बू वो जगह है जहाँ परमेश्वर निवास करता है। समकोणीय आँगन का नाप तक़रीबन ४५ मीटर (उत्तर और दक्षिण की ओर) से २२.५ मीटर (पूर्व और पश्चिम की ओर) था। मिलापवाला तम्बू अपने आप में छोटा सा ढाँचा था जिसकी छत चार आवरणों से बनाई गई थी। इसके विपरीत मिलापवाले तम्बू का आँगन खुले मैदान की तरह बड़ा था।
आँगन के खम्भों की ऊँचाई २.२५ मीटर, और उसके बाड़े को लकड़ी के ६० खम्भे और द्वार को छोड़ तीनो ओर बटी हुई सनी के लटकते हुए कपड़े से बनाया गया था। बाड़े को इन लकड़ी के खम्भों से बनाया गया था, उसके ऊपर चाँदी के कुंडे और पीतल की किर्सिया लगाईं गई थी। चाँदी के कुंडे के ऊपर चाँदी के दो खूंटे लगाए गए थे, और प्रत्येक खम्भे के सहारे के लिए इन खूंटो के साथ चाँदी की पट्टियों को जोड़ा गया था। भूमि पर पीतल के खूंटों के साथ इन चाँदी की पट्टियों को जोड़ा गया था, इस तरह खम्भों को सुरक्षित किया गया था।

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