गीता सार – अध्याय 18 Podcast Por  arte de portada

गीता सार – अध्याय 18

गीता सार – अध्याय 18

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मोक्षसंन्यासयोग इस अध्याय में भगवान कृष्ण अर्जुन को मोक्ष प्राप्ति के मार्ग के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं कि मोक्ष प्राप्ति के लिए सब चीजों का मोह त्याग कर मनुष्य को पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित हो जाना चाहिए। अपने जीवन के हर कर्म को कृष्ण को ही समर्पित कर देना चाहिए। उनसे अथाह प्रेम करना चाहिए। उन पर पूरी श्रद्धा रखनी चाहिए। उन्हें भजते रहना चाहिए। और सन्यासी की भांति किसी भी चीज से मोह नहीं करना चाहिए। इस प्रकार जीवन बिताने के बाद मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। अंत में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि अगर वह अब भी युद्ध नहीं करना चाहता है तो वहाँ से जा सकता है। लेकिन विधि का विधान हमेशा होकर रहता है। कोई न कोई उसके बदले युद्ध कर ही लेगा। लेकिन अब तक अर्जुन का सारा संशय खत्म हो चुका था। वह भगवान श्री कृष्ण को प्रणाम करता है। और धर्म युद्ध के लिए तैयार हो जाता है। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 18 धन्यवाद
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