
12 Angry Men: Ek Juror ki Zid, Poore System ka Sawal | EP 01
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आप एक ऐसे केस की कल्पना करें, जहाँ एक जूरी के 12 लोग एक किशोर को मौत की सज़ा देने जा रहे हों—और बस एक अकेला आदमी सब कुछ बदल देता है।
Welcome to the first episode of Cinema Ghat, जहाँ हम बात करते हैं दुनियाभर की फिल्मों की—लेकिन देसी अंदाज़ में।
आज की फिल्म है 1957 की कोर्टरूम ड्रामा ‘12 Angry Men’, जो शायद आपने पहले कभी नहीं देखी होगी—लेकिन इसके सवाल, बहस और सोच आज भी उतने ही ज़रूरी हैं।
🎬 इस एपिसोड में सुनिए:
• कैसे एक अकेले Juror की “ना” ने मौत की सज़ा को रोका
• Juror #3 और #8 का जबरदस्त टकराव—इमोशन vs लॉजिक
• अमेरिकी जूरी सिस्टम vs भारतीय न्याय व्यवस्था (Nanavati केस comparison)
• 5 मज़ेदार फिल्मी फैक्ट—कम बजट, लेकिन आज IMDb पर #1 क्यों है?
🎧 होस्ट Maya और Gotham के साथ ये पूरी कहानी सुनिए Hinglish में—यानि देसी स्टाइल में, मगर इंटरनेशनल फिल्म पर गहरी बातचीत।
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