Episodios

  • दरवाजे पर दस्तक :प्रोफेसर की डायरी लेखक-डॉ लक्ष्मण यादव । professor ki Dairy :Dr. lakshman Yadav
    Apr 3 2024
    यह प्रोफेसर लक्ष्मण यादव की लिखी हुई आत्मकथमक डायरी का भाग दो है। जिसका शीर्षक है दरवाजे पर दस्तक
    Más Menos
    19 m
  • प्रोफेसर की डायरी लेखक-लक्ष्मण यादव भाग-1 professor ki diary writer-dr.Lakshman Yadav Part-1
    Mar 18 2024
    यह डॉक्टर लक्ष्मण यादव की लिखी हुई अपनी डायरी है जिसमें की उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद को प्राप्त करना और उसको छोड़ना यह सारी बातें उन्होंने डायरी के रूप में लिखी है डॉक्टर यादव ने बताया कि किस प्रकार से वह दिल्ली विश्वविद्यालय में ऐड हो प्रोफेसर नियुक्त हुए और किस प्रकार से उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय मजबूर होकर छोड़ना पड़ा और क्या-क्या घटनाक्रम हुए उन्होंने डायरी में इन्हें उतारा है। किस प्रकार उन्हें दलित होने पर सहना पड़ा। डॉ मौलाना आजाद कलाम महाविद्यालय में एड हॉक प्रोफेसर के पद पर दो लक्ष्मण यादव को नियुक्त किया गया और जब प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए थे तो उसेे पहले उन्होंने इंटरव्यू दिया था और इस भाग में उन्होंने इंटरव्यू और इंटरव्यू के पहले की घटना है और इन सबको यहां पर बयान किया है। प्रोफेसर यादव की यह डायरी हमें दिखाईी है कि किस प्रकार से उच्च शिक्षा में भी बड़े-बड़े घोटाले होते हैं और किस प्रकार से वहां पर जातिवाद होता है जाती के आधार पर एक प्रोफेसर तक को प्रताड़ित किया जाता है और मजबूर किया जाता है उसे अपनी जॉबसे छोड़ने के लिए और आखिर में वह दुखी होकर के जॉब छोड़ देता है और फिर देश की असमानता को इस खोकली बुनियादी दिखाओ की समानता को चलेंगे करने के लिए निकल जाता है और आज तक उसने क्या परिवर्तन हुआ यह हम इस डायरी में देखते हैं।
    Más Menos
    1 h y 32 m
  • पता नही
    Jan 15 2024
    यह मेरे द्वारा लिखित एक छोटी सी सागर कविता है जिसमें की यह समझाया गया कि हमारा जीवन का जीवन का मूल उद्देश्य वह नहीं है जो हम सब समझते हैं यह सब तो जीवन के उद्देश्य के लिए एक मात्रा कम है जीवन का उद्देश्य तो कुछ और ही है वह व्यक्ति का अलग-अलग है और वह होना चाहिए
    Más Menos
    1 m
  • कफ़न:मुन्सी प्रेमचन्द (अंतिम भाग)
    Dec 14 2023
    मुंशी प्रेमचंद की लिखित कफन कहानी का यह अंतिम भाग है इस भाग में यीशु और माधव दोनों शराब की दुकान पर बैठ जाते हैं और शराब पीते हैं और ज्यादा खाना खाते हैं कि उन्होंने अभी कभी जिंदगी में इतना खाना नहीं खाया और बच्चा खुशी को भिखारी को दे देते हैं खूब शराब पीते हैं खूब नाचते हैं और धीरे-धीरे वही मस्त होकर गिर पड़ते हैं कहानी की अंतिम दृश्य में हम देख सकते हैं कि जीसू और माधव यह मानते हैं कि बेचारी इस माया जंजाल से मुक्त हो गई हम जो कर रहे हैं वह बहुत ही बेकार काम है और हमारी संस्कृति और हमारा जीवन बहुत ही बेकार दशा में चल रहा है वह यहां से मुक्ति का गई अर्थात की यह संसार बेकार है और यहां से जाने के बाद में हमें सच में सुकून मिलता है मुंशी प्रेमचंद जी की दार्शनिक भावना यहां पर झलकता है साथ ही साथ टीवी भूख और स्त्री विमर्श सभी एक साथ में यहां पर हम देख सकते हैं
    Más Menos
    8 m
  • बुदिया की मौत;कफ़न :मुन्सी प्रेमचन्द
    Dec 14 2023
    मुंशी प्रेमचंद की लिखी हुई कहानी कफन का यह दूसरा भाग है इसमें रात के सोए हुए थे तब माधव अपनी पत्नी को देखकर आता है कि वह मर गई है उसके पेट में बच्चा मर गया है तो रोयाविलाप करते हैं। तब यह रोना धोना सुनकर गांव के अन्य लोग आते हैं स्त्रियां आती है और वह भी रोटी है अब यह दोनों कफन के लिए जमीदार साहब के पास जाते हैं जमीदार साहब ने ₹1 निकाल कर फेंक दिया और इस ₹1 की दुहाई देखकर जी सुने बहुत से लोगों से पैसे लिए और ₹5 उसके पास जमा हो गए और अब वह कफ़न लेने चले हैं बाजार में देखिए अब आगे क्या होता है।
    Más Menos
    4 m
  • कफ़न मुन्सी प्रेमचन्द (भाग-1)
    Dec 14 2023
    मुंशी प्रेमचंद की प्रमुख कहानियां में से एक है कफन इस कहानी में जिशु और माधव नाम के दो आपप बेटे हैंजो की बहुत ही गरीब है और फटेहाल है बेकार है मजदूरी नहीं करते हैं। इनके घर की स्त्री प्रसव प्रेरणा से मा जाती है लेकिन इनके पास में कफन के पैसे नहीं होते और जब कफन के पैसे भीख मांग कर ले आते हैं तो उन पैसों के यह शराब पी जाते हैं और खाना खा जाते हैं।
    Más Menos
    10 m
  • कफ़न:मुन्सी प्रेमचन्द
    Dec 14 2023
    मुंशी प्रेमचंद की लिखी हुई कहानी कफन को हम आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाह रहे हैं यह सिर्फ इंट्रोडक्शन ऑडियो है।
    Más Menos
    5 m
  • गोपाल लाल जोरवाल (Trailer)
    1 m
adbl_web_global_use_to_activate_webcro768_stickypopup