
कृषि के असंगठित क्षेत्र में महिलाओं पर कैसे होती है हिंसा?
No se pudo agregar al carrito
Add to Cart failed.
Error al Agregar a Lista de Deseos.
Error al eliminar de la lista de deseos.
Error al añadir a tu biblioteca
Error al seguir el podcast
Error al dejar de seguir el podcast
-
Narrado por:
-
De:
Acerca de esta escucha
कार्यस्थल पर महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण के लिए 2013 में Protection of Women from Sexual Harassment Act, 2013 (PoSH) अधिनियम बनाया गया। PoSH अधिनियम कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए नियोक्ताओं पर कानूनी दायित्व डालता है। लेकिन असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए यह कारगर साबित नहीं होता।
बात मुलाक़ात के इस एपिसोड में हम भारतीय कृषि क्षेत्र में महिला श्रमिकों पर हो रही हिंसा की बात कर रहे हैं। फेमिनिस्ट पॉलिसी कलेक्टिव और महिला किसान अधिकार मंच (MAKAAM) ने ग्रामीण महिला श्रमिकों के खिलाफ होने वाली हिंसा का अध्ययन किया। ये स्टडी कृषि क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी और महिलाओं के लिए कार्यस्थल की परिभाषा पर कुछ बुनियादी सवाल खड़े करती है। खेतों में काम करते वक्त महिलाओं पर की जाने वाली हिंसा के क्या स्वरूप हैं? इसके छोटी और लंबी अवधि में क्या मायने हो सकते हैं? इसे समझने के लिए स्नेहा रिछारिया ने नारीवादी कार्यकर्ता सेजल दंड से बात की।
See sunoindia.in/privacy-policy for privacy information.