• इन सर्विस ओफ़ श्रीमद्भागवतम™

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इन सर्विस ओफ़ श्रीमद्भागवतम™

De: INSS Productions
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  • इन सर्विस ओफ़ श्रीमद्भागवतम™ भगवत पुराण और भगवद गीता के प्राचीन ज्ञान को व्यापक दर्शकों तक फैलाने के मिशन पर हैं।

    इन सर्विस ओफ़ श्रीमद्भागवतम™ पॉडकास्ट वेदों से प्रकट ज्ञान प्रदान करता है, जो दुनिया में पारलौकिक विज्ञान का सबसे पुराना और सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त स्रोत है।

    श्रोता वैकल्पिक दिनों में कहीं से भी नवीनतम एपिसोड में ट्यून कर सकते हैं, जहां से उन्हें अपना पॉडकास्ट मिलता है।

    इन सर्विस ओफ़ श्रीमद्भागवतम™ पॉडकास्ट हमारे समृद्ध इतिहास से व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करता है, जो पूरे समय में महान हस्तियों द्वारा निर्धारित उदाहरणों से वास्तविक जीवन की सीख देता है। चाहे आप अपनी आध्यात्मिक समझ को गहरा करना चाह रहे हों या बस एक अधिक पूर्ण

    INSS Productions 2024
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Episodios
  • संपूर्ण चैतन्य लीला | श्रील गौर कृष्ण दास गोस्वामी | 11. चैतन्य-भगवतम (आदि 14-16) | भक्तों पर कृपा
    Feb 18 2025

    भगवान की कृपा केवल उन्हीं को प्राप्त होती है जो प्रेम और समर्पण के साथ उनकी भक्ति करते हैं। श्रील प्रभुपाद ने समझाया कि जो भक्त निष्कपट हृदय से हरिनाम संकीर्तन करते हैं, सेवा में लगे रहते हैं, उन पर भगवान विशेष कृपा बरसाते हैं।

    "जो मेरी शरण में आता है, मैं उसे अवश्य ही अपने चरणों में स्थान देता हूँ।" – श्रीकृष्ण

    भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्ति का मार्ग अपनाएँ और हरिनाम का जाप करें।

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    1 h y 42 m
  • संपूर्ण चैतन्य लीला | श्रील गौर कृष्ण दास गोस्वामी | 11. चैतन्य-भगवतम (आदि 14-16) | युवा लीलाएँ यात्रा – गया
    Feb 13 2025

    श्री चैतन्य महाप्रभु की वृंदावन यात्रा ✨🙏

    भक्तिविनोद ठाकुर ने अपनी अमृत-प्रवाह-भाष्य में उल्लेख किया है कि श्री चैतन्य महाप्रभु ने जगन्नाथ रथयात्रा में भाग लेने के बाद वृंदावन यात्रा का निश्चय किया। श्री रामानंद राय और स्वरूप दामोदर गोस्वामी ने उनके साथ जाने के लिए बलभद्र भट्टाचार्य नामक एक ब्राह्मण को चुना।

    🌿 झारखंड के जंगल में हरि-नाम संकीर्तन महाप्रभु ने कटक (उड़ीसा) से आगे बढ़ते हुए घने जंगलों में प्रवेश किया। वहाँ उन्होंने शेरों, हाथियों और अन्य जंगली जानवरों को भी हरे कृष्ण महामंत्र का संकीर्तन कराया! 🦁🐘

    निर्वाह एवं साधना जहाँ कहीं कोई गाँव मिलता, बलभद्र भट्टाचार्य भिक्षा मांगकर चावल और सब्जियाँ लाते। यदि कोई गाँव न होता, तो जंगल से पालक आदि एकत्र कर पकाते। महाप्रभु इस सरल जीवन से अत्यंत प्रसन्न होते थे।

    🌊 वाराणसी में प्रवेश और मणिकर्णिका घाट स्नान झारखंड के जंगल पार करने के बाद महाप्रभु वाराणसी पहुंचे और मणिकर्णिका घाट पर स्नान किया। वहाँ तपन मिश्र और वैद्य चंद्रशेखर ने उनकी सेवा की। इस दौरान, एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण ने उन्हें बताया कि प्रकाशानंद सरस्वती और अन्य मायावादी सन्यासी उनकी निंदा कर रहे हैं। इस पर महाप्रभु ने समझाया कि जो लोग कृष्ण नाम का उच्चारण नहीं करते, वे अपराधी हैं और उनसे संग नहीं करना चाहिए।

    🌸 प्रयाग और मथुरा की यात्रा महाप्रभु प्रयाग और मथुरा पहुंचे, जहाँ उन्होंने माधवेंद्र पुरी के शिष्य, एक सानोडिया ब्राह्मण के घर प्रसाद ग्रहण कर उन्हें आशीर्वाद दिया।

    🌿 वृंदावन की दिव्य अनुभूति जब महाप्रभु वृंदावन के बारह वनों में पहुंचे, तो वे परम भक्ति और प्रेम में मग्न हो गए। वहाँ उन्होंने तोतों और अन्य पक्षियों के मधुर स्वर सुने और उनकी भक्ति और प्रेम और भी बढ़ गया।

    🔱 यह यात्रा केवल एक भौगोलिक यात्रा नहीं थी, बल्कि श्री चैतन्य महाप्रभु के प्रेम और भक्ति की अद्भुत लीलाओं का जीवंत प्रमाण थी। 🙏✨

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    1 h y 13 m
  • संपूर्ण चैतन्य लीला | श्रील गौर कृष्ण दास गोस्वामी | 10. चैतन्य-भगवतम (आदि 14-16) | महाप्रभु का दूसरा विवाह और श्रील हरिदास ठाकुर की परीक्षा
    Dec 4 2024

    श्री चैतन्य महाप्रभु की जीवन लीला अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं से परिपूर्ण है। उनके जीवन में दूसरा विवाह और श्रील हरिदास ठाकुर की परीक्षा ऐसी ही दो घटनाएँ हैं, जो भक्ति, समर्पण, और भगवान की अपार करुणा का संदेश देती हैं। चैतन्य-भगवतम के 14वें से 16वें अध्याय में इन लीलाओं का सुंदर और विस्तृत वर्णन मिलता है।

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    1 h y 46 m
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