Kaamyogi Audiolibro Por Sudhir Kakkar arte de portada

Kaamyogi

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Kaamyogi

De: Sudhir Kakkar
Narrado por: Vijay Vikram Singh
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काल : चौथी सदी, भारत का स्वर्णयुग ! स्थान वाराणसी के बाहर जंगलो में बना एक आश्रम ! 'कामसूत्र' के रचयिता वात्स्यायन हर सुबह अपने एक युवा शिष्य को अपने बचपन और युवावस्था की कहानियां सुनाते हैं ! यह शिष्य इस महान ऋषि की जीवनी लिखना चाहता है! वात्स्यायन के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारियां उपलब्ध है! यह युवा अध्येता इन जानकारियों को अपने मस्तिष्क में दर्ज करता जाता है! साथ ही 'कामसूत्र' के उन प्रासंगिक श्लोको को भी उनमे गुथता जाता है, जिन्हें उसने कंठस्थ कर लिया है! जो कथा उभरती है, वह अद्भुत है! वात्स्यायन की मान अवंतिका और मोसी कौशाम्बी के एक वेश्यालय में प्रसिद्द गनिकाए है! उनसे और उनके विभिन्न प्रेमियों से वात्स्यायन कम्क्लाओ की पहली छवियाँ देखते है, जो उनके मन पर अमिट छाप छोडती है! सुधीर कक्कड़ अपनी विशिष्ट सूक्ष्म दृष्टि से इस कथा के उन अनगिनत पत्रों के मन की गहराइयो तक पहुचते है, जो अपनी योन पहचान पाने के विभिन्न चरणों से गुजर रहे है! इस तरह वासना और कामुकता का एक सशक्त आक्याँ आकर लेता है, जिसमे प्राचीन कला का सम्मोहन भी है और आश्चर्यजनक विसंगतियों भी!©2020 Storyside IN (P)2020 Storyside IN
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